आखिर क्या वजह रही कि अन्ना हजारे और उनकी टीम लोकपाल के मुद्दे पर अपनी बात सरकार से मनवा पाने में असफल रही. क्यों सरकार जनलोकपाल के महत्वपूर्ण प्रावधानों से सहमत नहीं हुई? अन्ना टीम की किस गलती ने महीनों की मेहनत पर पानी फेर दिया?
ज्वायंट ड्राफट कमेटी की मांग बेवकूफी. सरकार को मिला जनता को बरगलाने का समय
गलती नंबर 2.
सिविलसोसायटी के सदस्यों के चयन में पारदर्शिता नहीं, नहीं लिया जनता का मत.
गलती नंबर 3.
भूषण पिता-पुत्र को कमेटी में लाना. नतीजतन, विवाद पैदा करने का मिला मौका.
गलती नंबर 4.
ज्वायंट कमेटी में नहीं शामिल किया विपक्ष के किसी नेता को
गलती नंबर 5.
पहले नेताओं से मांगा समर्थन, फिर मंच पर आने से किया मना, किया नेताओं से दुर्व्यवहार
गलती नंबर 6.
कमेटी की बैठक में सरकार लगातार इनकी मांग ठुकराती रही, फिर भी ये बैठक में जाते रहे
गलती नंबर 7.
संगठन को मजबूत नहीं बनाया. महज कुछ शहरों में कुछ स्थानीय कार्यकर्ता जुडे.
गलती नंबर 8.
छोटे शहर और ग्रामीण भारत को इस आंदोलन से जोड पाने की नही हुई कोशिश
गलती नंबर 9.
सडक से ज्यादा इंटरनेट, फेसबुक और एसएमएस पर ज्यादा छाया रहा यह आंदोलन
गलती नंबर 10.
राजनीति को गंदा बताया, लेकिन उसका कोई विकल्प प्रस्तुत कर पाने में असफल रहे