Monday, February 6, 2012

टाटा स्टील और झारखंड सरकार की लूट


झारखंड खनिज संपदा से भरा पड़ा है. फिर भी वहां ग़रीबी है, नक्सलवाद है, बेरोज़गारी है और भुखमरी भी. बावजूद इसके कि इस राज्य में टाटा से लेकर मित्तल ग्रुप तक का अरबों का व्यापारिक साम्राज्य कायम है. नियमों की अनदेखी करते हुए बड़े-बड़े औद्योगिक समूह यहां की खनिज संपदाओं का दोहन कर रहे हैं. मामला झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले के अंतर्गत आने वाले नोवामुंडी में लौह अयस्क खनन पट्टा से जुड़ा है, जहां टाटा को खनन पट्टा मिला हुआ है. 1980 में, जब एकीकृत बिहार हुआ करता था, टाटा (टिस्को) ने नोवामुंडी स्थित लौह अयस्क खान के नवीकरण के लिए फॉर्म जे के तहत बिहार सरकार के साथ क़रार किया. यह पट्टा अगले 32 साल के लिए टाटा को मिल गया. इस क़रार में स्पष्ट लिखा था कि इस खान का इस्तेमाल कैप्टिव माइनिंग के लिए होगा...

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http://www.chauthiduniya.com/2011/10/tata-steel-and-the-spoils-of-jharkhand-government.html

Saturday, February 4, 2012

सुशासन मेँ बनता है फर्जी लिस्ट


बिहार में प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में सालों का समय लगा. हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में मामला सालों तक चला. कई-कई बार सूची तैयार की गई. कहा गया कि अब जो सूची बनी है, वो फाइनल है. चौथी दुनिया की पड़ताल बताती है कि इस सूची में, जिसमें 34540 शिक्षकों को ज़िला आवंटित किया गया है, भारी गड़ब़डी है. फर्ज़ीवाड़ा है. हो सकता है कि सरकार ये दलील दे कि हम जिन शिक्षकों को नियुक्त कर रहे हैं, उन्हें एक साल के भीतर नियमित किया जाएगा. लेकिन सवाल है कि सालों की मेहनत के बाद भी आ़खिर इस दोषपूर्ण सूची को बनाने के लिए ज़िम्मेदार कौन लोग हैं?


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http://bihar.chauthiduniya.com/2012/01/nitish-ji-list-of-34540-teachers-is-fake.html