Thursday, October 21, 2010

चाय दुकान क्यों ?

चाय दुकान, ठेला या खोखा. नाम कोइ भी हो. मिजाज एक है. बात, चाय दुकान पर होने वाले बात की. बरिस्ता की नहीं. ठेठ चाय दुकान की. बात क्रांति की. चिंतन की. मनन की. बहस की. मुफलिसी के दिनों में दो बट्टा तीन का सहारा देती चाय दुकान की. बात चाय दुकान पर समाजवाद और साम्यवाद को मिलते आक्सीजन की. पूंजीवाद को दी जाने वाली गालियों की. बात चाय दुकान पर बैठने वाले पत्रकारो की. बात उनके द्वारा बॉस के सम्मान में किए जाने वाली बात की. बात अमरीकी विदेश नीति की बखिया उधेडते मोहल्ले के शर्मा जी की. धोनी को क्रिकेट कैसे खेले की सीख देते चाय वाले पंडित जी की. बात लोगों का लोगों के खिलाफ रचे जाने वाले षडयंत्र की. बात नया कमरा तलाशने के संघर्ष की. बात दिल्ली में बैठ कर बिहार चुनाव पर चलने वाली परिचर्चाओं की. और हां, बात चाय दुकान पर रोज दम तोडती युवा क्रांति की भी. तो आईएं, आपका स्वागत है. आप भी बात करें. अपनी बात करें. दूसरों की बात करें. इस दुनिया की बात करें. उस दुनिया की बात करें. जहां की दिल करें, वहां की बात करें. लेकिन चाय दुकान पर आ कर.

5 comments:

Javed Khan said...

bahut unda likha hai sir ji................. blog jagat mein aapka swagat hai.....

चन्दन कुमार said...

chay dukan naam bahut hi achchha hai waise bhi naam ke bare men shakespare ne kaha tha naam men kya rakha hai...lekin aaj shakespare bhi hota to kahta naam men bahut kuchh rakha hai tabhi to mishra ji meena banana chahte hai taki aarakshan ka laabh mil sake. yanee naam ke apne mayne aur mapdand hain. naam se hi sarthakta saabit hogi baaki chay ki dukan kyo to iska jawab aapne bahut hi kayde aur sundar shabdo hi nahin arthom men bataya hai. mai sahmat hoon lekin sahmat hone se bhi kya agar bhavishya men yah sahi nam ko sarthak na kare to aapke sath sath meri bhi koshish hogi kee ise sarthak banaun

Anonymous said...

आपका ब्लॉग... उसका विचार... नाम... सब बेहद अच्छा लगा। उम्मीद है की आप इसे भीड़ का हिस्सा बनने से बचायेंगे और कोरी ल्फ्बाज़ी... निरर्थक बहसों... की जगह कुछ सार्थक... रचनात्मक विचारों को जगह देंगे। ताकि इस चाय दुकान तले आने वालों को हर बार एक नयी ताजगी मिले।

रश्मि वर्मा said...

आपका ब्लॉग... उसका विचार... नाम... सब बेहद अच्छा लगा। उम्मीद है की आप इसे भीड़ का हिस्सा बनने से बचायेंगे और कोरी ल्फ्बाज़ी... निरर्थक बहसों... की जगह कुछ सार्थक... रचनात्मक विचारों को जगह देंगे। ताकि इस चाय दुकान तले आने वालों को हर बार एक नयी ताजगी मिले।

RASHMI.... A FIRST RAY OF SUN said...

आपका ब्लॉग... उसका विचार... नाम... सब बेहद अच्छा लगा। उम्मीद है की आप इसे भीड़ का हिस्सा बनने से बचायेंगे और कोरी ल्फ्बाज़ी... निरर्थक बहसों... की जगह कुछ सार्थक... रचनात्मक विचारों को जगह देंगे। ताकि इस चाय दुकान तले आने वालों को हर बार एक नयी ताजगी मिले।