Monday, October 25, 2010

घूंघट

परदे की अपनी खूबसूरती होती है

यकीन न हो तो इस तस्वीर को देखिये

परदे से झाकती

चमकती आँखों को देखिए

घूंघट के शोख रंग को पहचानिए

शेखावाटी का ये शोख रंग

बहुत कुछ कहता है

महसूस करे, दिल से, देख कर

फिर बताइये

सही या गलत

3 comments:

अभिषेक पाटनी said...

भाई साहब मैं तो आपका मुरीद...इन्हीं बातों के चलते बना हूं...आप रिश्ते बनाते नहीं...रिश्ते कमाते हैं...मैं पहले भी कहता था...आज ज्यादा पुख्ता ढंग से कह पा रहा हूं....यकीनन...ये तस्वीर...वाकई...परदे...और घूंघट की खूबसूरती को बखूबी बयां कर रही है...शुक्रिया...साधुवाद...दोनों...चायदुकान पर मेरी आवा-जाही रहेगी...इस बात की गारंटी के लिए....पहली टिप्पणी के साथ....

चन्दन कुमार said...

vakayee behad khoobsoorat, in shabdon ka nahin, balki uske andar chhipe arthon ka.

विचार आमंत्रण said...

क्या बात है, भैया वाकई लाजवाब...