Thursday, January 13, 2011

सीवीसी पी जे थॉमस को कैरेक्टर सर्टिफिकेट!


थॉमस साहब की नियुक्ति पर सवाल उठाने वालों....उनसे कैरेक्टर सर्टिफिकेट मांगने वालों...उनकी ईमानदारी और सादगी पर उंगली उठाने वालों...अरे उंगुली उठाने से पहले देख तो लिया होता कि किसकी तरफ उंगली उठा रहे हो...कमबख्त...ऐसे शख्स की ईमानदारी पर सवाल उठा रहे हो...जिसकी कर्तव्यनिष्ठता के लिए...एक के बाद एक इनाम मिलते रहे हैं...

पामोलिन घोटाले में पहली बार जब...पी जे थॉमस पर इल्जाम लगा तो...एक तरफ उनपर चलने वाले मुकदमे पर याचिका के जरिए रोक लगा दिया गया...और बतौर इनाम दूरसंचार मंत्रालय की कमान सौंप दी गई...जी हां...वही अपने अन्ना ए राजा वाला मंत्रालय...आपको तो पता ही होगा...कि 2-जी स्पेक्ट्रम में हुआ 1,76,000 करोड़ का घोटाला हाल-फिलहाल में हुआ घोटाला नहीं है...भाई साहब अन्ना राजा की करतूत यूपीए के पिछले कार्यकाल के दौरान की है...इसके साथ-साथ एक और हकीकत आपको बताते चलें कि इस दौरान पी जे थॉमस ही...दूरसंचार मंत्रालय के सचिव के पद पर काबिज थें...यकीन मानिए....कर्तव्यपरायण थॉमस को उनकी वफादारी का इनाम मिला है...वरना इतने विवादों के बाद सीवीसी जैसे अहम पद पर थॉमस की तैनाती का जोखिम भला कोई क्यों और कैसे ले सकता था...उस पर भी तब...जब कांग्रेस के युवराज महंगाई डायन के सुरसा की मुंह की तरह बढ़ते आकार के लिए गठबंधन को जिम्मेदार बता रहे हों...कहने का मतलब ये है कि इल्जाम लगाने से पहले...आप अपने गिरेबां में झांके न झांके...जिसपर इल्जाम लगा रहे हैं...उसकी हैसियत ज़रूर नाप लें...नहीं तो कहीं लेने के देने न पड़ जाए...बहरहाल....पामोलिन मामले पर अदालती कार्यवाही एक बार फिर शुरू होने के आसार हैं...लेकिन इससे इनाम देने दिलाने का सिलसिला थम जाएगा...इस मुगालते में मत आइएगा...

चाय दुकान से एक आम भारतीय

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