Sunday, November 28, 2010

टाटा, टेप और भोपाल

रतन टाटा टेप मामले में सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं. नीरा राडिया फोन-टैप लीक मामले में. अब तक देश की जनता इन्हें ईमानदार मानती रही है. लेकिन इनकी एक कहानी और भी है जिससे इनकी ईमानदारी, नियत पर शक होता है . हम भारतीयों की आदत है. पैसे वालों का लाख गुनाह हमें दिखता नहीं. और गुनहगार रतना टाटा जैसा आदमी हो तो बिल्कुल भी नहीं. टेप कांड में फंसे टाटा की एक और कहानी आप सुनिए. मीडिया में इसकी चर्चा जितनी होनी चाहिए उतनी नहीं हुई है. ये कहानी है टाटा के उन पत्रों की जो उन्होंने प्रधानमंत्री को लिखे थे. भोपाल गैस त्रासदी से जुड़े डाओ के मामले में. रतन टाटा आज से 4 साल पहले एक पत्र मनमोहन सिंह, तात्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया को भेजते है. इस सुझाव के साथ कि भोपाल गैस कांड से प्रभावित स्थल के साफ-सफाई के लिए 100 करोड रूपयें का एक फंड या ट्रस्ट टाटा कंपनी और अन्य भारतीय उद्योगपति मिल-जुल कर तैयार कर सकते है. टाटा का तर्क था कि चूंकि डाओ केमिकल्स एक बहुत बडी कंपनी है और वह भारत में बहुत बडे पैमाने पर निवेश करना चाहती है इसलिए डाओ को 100 करोड रूपये जमा कराने की जवाबदेयता से मुक्त किया जाना चाहिए. गौरतलब है कि रतन टाटा के द्वारा उक्त पत्र लिखे जाने तक भी डाओ के 100 करोड रुपये देने का मामला अदालत में विचाराधीन था. अदालत में इस बात का तय होना बाकी था कि रुपया जमा कराने के लिए डाओ बाध्य है या नहीं. जाहिर है, रतन टाटा के इस प्रस्ताव के पीछे डाओ को 100 करोड रूपया जमा कराने की जवाबदेही से मुक्त कर देने की मंशा ही काम कर रही थी. ध्यान देने की बात है की जब रतन टाटा ने उक्त पत्र लिखे थे तब वो इंडो-यूएस सीईओ फोरम के को चेयर मैन भी थे. मतलब साफ़ है की वो यह काम कहीं न कहीं अमरीकी दबाव में भी कर रहे थे. टाटा के उक्त सुझाव के पीछे जो तर्क दिया है, उससे भी यह साबित होता है कि इन उद्योगपतियों के दिलो दिमाग पर पैसा किस कदर हावी है. जाहिर है, अभी का टेप कांड भी अपने-आप में कई कहानी को छुपाए हुए है जिसका सार्वजनिक होना नितांत आवश्यक है. ताकि मुखौटे पर मुखौटा चढ़ाए रतन टाटा जैसे लोगो की कहानी आम आदमी को पता लग सकें. उस आम आदमी को जो नैनो खरीद कर टाटा जैसो का बैंक बैलेंस बढाता है.

3 comments:

honesty project democracy said...

रतन टाटा जैसे लोग इस देश और समाज के सबसे बरे गद्दार हैं........इनके खिलाप गंभीरता से जाँच होनी चाहिए तथा इसके लिए काम करने वाले भ्रष्ट न्यायिक अधिकारी,मंत्री,जनप्रतिनिधि सबको जेल में डाल देना चाहिए.....

honesty project democracy said...

ऐसे गद्दारों की पोल खोलने के लिए आपका आभार और भी तथ्य जुटाइये तथा उसे फेसबुक पर भी शेयर कीजिये.........

shashi shekhar said...

ji......bilkul