Thursday, December 6, 2012

ख़बर जो दुनिया ने देखी (01)

अथ श्री जिंदल-गोयल कथा (01)सुभाष चन्द्र गोयल के ज़ी न्यूज़ का कहना है कि कांग्रेस नेता नवीन जिंदल कोयला आवंटन में घोटाले के आरोपों को भले ही झुठला दें, लेकिन इस सच को वह दरकिनार नहीं कर सकते कि उनकी कंपनी ने कोयला घोटाले में खूब पैसा बनाया है। ज़ी न्यूज़ के मुताबिक नवीन जिंदल जब दिल्ली में झूठी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तब वहां आरटीआई कार्यकर्ता रमेश अग्रवाल भी व्हील चेयर पर पहुंचे और उन्होंने ने भी जिंदल पर आरोप लगाया कि कोयला आवंटन मामले को उठाने के लिए जिंदल ने रमेश अग्रवाल पर हमला करवाया था।
इतना ही नहीं ज़ी न्यूज़ की मानें तो कोल ब्लॉक आवंटन के मसले पर जब चैनल के पत्रकार ने कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल से सवाल पूछा, तो वो बौखला गए। वे सवाल पर इस क़दर बौखलाए कि उन्होंने सवाल पूछ रहे पत्रकार को धक्का दे दिया। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस सांसद नवीन जिंदल को नियमों को ताक पर रखकर एक कोल ब्लॉक का आवंटन किया गया। 27 फरवरी 2009 को दो कंपनियों को दो बड़े कोल ब्लॉक का आवंटन किया गया। दोनों ही कोल ब्लॉक ओडिशा के हैं। एक 300 मेगा मीट्रिक टन और दूसरा 1500 मेगा मीट्रिक टन के। दोनों कोल ब्लॉक को मिलाकर इनकी कीमत 2 लाख करोड़ से ज्यादा होती है।कांग्रेस सांसद और उद्योगपति नवीन जिंदल के मुताबिक़ सितंबर से कोयले के आवंटन के मामले में ज़ी न्यूज़ उनकी कंपनी के ख़िलाफ ग़लत खबरें दिखा रहे थे। जब उन्होंने न्यूज़ चैनल से बात करनी चाही तो उनसे 20 करोड़ रुपये मांगे गए। बाद में ये रकम बढ़ाकर सौ करोड़ कर दी गई। नवीन जिंदल ने ज़ी न्यूज़ के संपादक सुधीर चौधरी और जी बिजनेस के संपादक समीर आहलूवालिया पर आरोप लगाया कि उनसे 13, 17 और 19 सितंबर को कंपनी के लोगों की मीटिंग हुई, जिसमें उनसे करोड़ों की ये रकम मांगी गई। जिंदल ग्रुप के अधिकारियों ने इस बातचीत को बाकायदा रिकॉर्ड कर लिया और वो टेप प्रेस कांफ्रेंस में दिखाया भी गया। वहीं इस बारे में ज़ी न्यूज का कहना है कि ये सब चैनल को बदनाम करने की साज़िश है। नवीन जिंदल ने उन्हें ख़रीदने की कोशिश की और नाक़ाम रहने पर ये साज़िश रची। अब कोई चाहे जो सफाई दे सच तो ये है कि जिंदल के जाल में ज़ी फंस चुका है ।

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