Monday, December 6, 2010

6 दिसंबर: सांप्रदायिक कौन?



6 दिसंबर आते ही जेहन में मंदिर मस्जिद घूमने लगते हैं. बाबरी कांड आ जाता है. लेकिन आज कुछ और भी याद आ रहा है. वह ये कि सांप्रदायिक और धर्मनिरपेक्षता असल में है क्या? हमारा देश खुद को लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष मानता है और यहां बाबरी कांड हो जाता है और पाकिस्तान समेत कई मुस्लिम जिनके लिए कहा जाता है कि वहां सांप्रदायिता हावी है, वहां कई हिंदू मंदिर सदियों से खड़े है. आन-बान और शान के साथ. किसी के भी टूटने की नौबत नही आई. ऐसे में तो भइय्या भारी कन्फ्यूजन हो रहा है कि कौन धर्मनिरपेक्ष है और कौन सांप्रदायिक. वो जो मंदिर सलामत रखता है या फिर वो जो मस्जिदे तोड़ता हैं.

अयोध्या के बाबारी कांड से हम सब वाकिफ हैं. उसकी तस्वीर देख ही रहे हैं साथ ही आपको कुछ मुस्लिम देशों की तस्वीर भी दिखाते हैं. यहां कुछ हिंदू मंदिरों की तस्वीरें हैं. यह वो मंदिर हैं जो अलग अलग मुस्लिम मुल्कों में सदियों से खड़े हैं. जबकि हमें यही सुनने का मिलता है कि इन कट्टर मुल्कों में दूसरे मजहबों के लिए कोई जगह नहीं है. अब इन मंदिरों की तस्वीरों देखिए और दूसरी बाबरी विध्वंस की.

खुद ही फैसला कीजिए कि कौन धर्मनिरपेक्ष है और कौन सांप्रदायिक.

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